हम बता रहे हैं देसी बकरी पालन के बारे में। देशी बकरी पालन की जानकारी दे रहे हैं, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील के जरवाय ग्राम के किसान खेमू पाल।
खेमु पाल जी बताते हैं कि उनके पास 26 भेड़ और 40 बकरियां है और लगभग वह 15- 20 साल से पशु पालन कर रहे हैं। वे कहते हैं कि पिछले कुछ समय में गांव की खाली जमीन में अवैध कब्जे के कारण चारागाह की समस्या पैदा हो गयी है। और गांव के सरपंच का भी यही कहना है साथ ही खेमू पाल जी कहते हैं की बकरियों को सही वक्त पर टीका नहीं लग पाता है इस पर सरपंच साहिबा आगे मदद करने का आश्वासन देती हैं, और कहती हैं की भविष्य में भेड़ बकरियों को सही वक्त पर टीका लग सके इसका ख्याल रखेंगी।
खेमु पाल जी बताते हैं कि बकरियों को सुबह-शाम मक्के का दलिया खिलाते हैं और दलिया को पैरा कुट्टी में मिलाकर भी खिलाते हैं। खेमु पाल जी के पास लगभग एक से डेढ़ एकड़ ही जमीन है। वह कहते हैं कि बकरियां उनके जीवन का सहारा है इससे अच्छा खासा गुजर-बसर हो जाता है।
इस कठिन परिस्थितियों के बावजूद खेमुपाल जी की बकरियां देखते ही बनती है और उनके द्वारा की जा रही बकरी पालन को पूरी तरीके से समझने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें और वीडियो पूरा देखें, जानकारी कैसे लगी कमेंट करके जरूर बताएं