दोस्तों हम जो दिखा रहे है मशरूम फार्म , राज मशरुम निदान क्लब ग्राम पठीयापाली तहसील बसना जिला महासमुद छत्तीसगढ़ का है।
पठीयापाली निवासी श्री राजेंद्र साहू जो है वो सन् 2005 से मशरुम उत्पादन कर रहे है , तो आइए जानिये कैसे मशरूम उत्पादन करते हैं ?
मशरुम पैदा करने के लिए सबसे पहले पैरा का बनडल जिसकी लम्बाई16 से 18 इंच और बनडल की मोटाई 12 इंच रहेगा, एक बनडल का भार 1/2 kg रहता है उसको चुना के पानी मे 15 घंटा तक डुबा कर रखेंगे, निकालने के बाद टेबल मे 3 बनडल लाईन से रखेगें, उसके बाद स्पौन को 1 स्क्वेयर के साईज मे टुकड़े करके चारो तरफ 3-3 इंच कि दूरी परं बनडल मे रखेंगे उसके उपर थोड़ा- थोड़ा गेहु का छिलका (चोकर )डालगें है, उसके बाद उसी बनडल के उपर विपरित दिशा में 3 बनडल पैरा और स्पौन व चोकर उसी तरीका से रखेंगे,उसके उपर एक बार और विपरित दिशा मे ईस प्रकार 3 लेयर मे रखेंगे और उसके उपर सिर्फ पैरा के बनडल को ढक देंगे। उसके बाद बनडल को अपने हाथों से हल्का से दबा देते हैं उसके बाद उसे झिल्ली से 10 दिन के लिए ढक देंगे और रोज 1-1 घंटा झिल्ली को निकालेंगे फिर -5 दिन बाद मशरुम तैयार हो जायेगा। ये प्रोसेस को 15 दिन लगता है और मशरूम तैयार हो जाता है, एक सीड का खर्च 70 रुपये लगता है एक सीड मे 1 किलोग्राम मशरुम होता है, 1 किलों मशरुम का रेट 300 रुपये से ज्यादा है, इसके उत्पादन के लिए32 से 38 डिग्री सेल्सियस तापमान और 70% से ज्यादा आद्रता चाहिए इन सब बातो का ध्यान रखे तो हम कहीं पर भी मशरुम उत्पादन कर सकते हैं।
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