हम आपको दिखा रहें जतमाई मंदिर , जतमाई मंदिर-छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। जतमाई मंदिर छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर गरियाबंद जिले में स्थित है। जतमाई मंदिर घने जंगलों के बीच कल कल करके बहते हुए झरने के लिए विख्यात है। जतमाई माता के मंदिर के सामने से बहते हुए झरने को देखकर लगता है मानो -यह माता के चरण स्पर्श करके जा रही हो ।
जतमाई मंदिर के नाम पर चर्चा करें तो – जतमई छत्तीसगढ़ी के शब्द, जटमाई से आया है । जटमाई का अर्थ होता है, जटा वाली माई यानी कि हिंदी में कहे तो जटा वाली माता। मंदिर के समीप स्थित वृक्ष को देखेंगे तो उसके जट्ट आपको दिखाई देंगे और यह मंदिर उन्हीं वृक्षों को समर्पित है, जिनके जट हैं और जिनको देखने से माता के स्वरूप प्रतीत होते हैं । इस स्थान को देखने से यह पता चलता है कि यहां पर गांव वाले बरसों से पूजा करते आ रहे हैं। शायद यह आदिवासी ग्रामों की वनदेवी है। और यहां बहते हुए झरने जतमाई को और रमणीय बनाते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में जतम।ई को बहुत अधिक प्रसिद्धि मिली है इसका प्रमुख कारण यह भी है कि जतमाई घने जंगल के बीच छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों रायपुर, दुर्ग-भिलाई , राजिम, महासमुंद ,धमतरी से नजदीक है इसलिए पर्यटक यहां आसानी से पहुंचते हैं और आए दिन यहां पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ रहती है। रायपुर शहर से अभनपुर -राजिम होते हुए आप जतमाई पहुंच सकते हैं। और जतमाई घूमने के बाद आप आ गए घटारानी जा सकते हैं घटारानी में भी बहुत ही रमणीय झरना है साथ ही घटारानी माई का मंदिर भी है|
जतमई मंदिर को देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो के लिंक पर क्लिक कर आप पूरा जतमई मंदिर का घर बैठे दर्शन कर सकते हैं।